भाषा शिक्षण के सूत्र
1. ज्ञात से अज्ञात की ओर,
2. सरल से जटिल की ओर,
3. विशिष्ट से सामान्य की ओर,
4. स्थूल से सूक्ष्म की ओर,
5. पूर्ण से अंश की ओर,
6. विश्लेषण से संश्लेषण की ओर,
7. मनोवैज्ञानिक तार्किकता की ओर
8.निकट से दूर की ओर ।
शिक्षण में अध्यापक को बालक की रुचियों, योग्यताओं, क्षमताओं एवं आवश्यकताओं का ध्यान रखना जरूरी है। ये ही शिक्षण के सामान्य सिद्धांत कहे जाते हैं जो इस प्रकार हैं
1. रुचि एवं अभिप्रेषण का सिद्धांत
बच्चे की शिक्षण में रुचि।
- 2. क्रियाशीलता का सिद्धांत
बच्चे का सक्रिय रहना।
- 3. ज्ञान को जीवन से संबंधित करने का सिद्धांत
दैनिक अनुभव से जोड़ना
- 4. स्वाभाविकता का सिद्धांत
भयमुक्त, बनावटीपन नहीं।
- 5. बोलचाल का सिद्धांत
सुनना फिर बोलना।
- 6. व्यक्तिगत विभिन्नता का सिद्धांत
व्यक्तिगत योग्यता।
- 7. निश्चित उद्देश्य
क्या सिखाना है।
- 8. अभ्यास का सिद्धांत
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