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Thursday, January 30, 2020

व्याकरण अनुवाद विधि

  
Vyakaran anuvad vidhi Grammar translat method
Vyakaran anuvad vidhi Grammar translat method


व्याकरण अनुवाद विधि

                    
सस्कृत, अरबी, ग्रीक, लैटिन आदि के शिक्षण की यह प्राचीनतम व परम्परागत विधि है। यह अनुवाद के सिद्धांत पर कार्य करती है।
संस्कृत में डॉ. रामकृष्ण गोपाल भण्डारकर द्वारा सर्वप्रथम अपनाये  जाने के कारण भण्डारकर विधि भी कहते हैं। द्वितीय भाषाओं की “स्वयं शिक्षण मालाएँ " इसी विधि पर आधारित होती है। इससे बड़े समूह में सरलता से पढ़ाया जा सकता है। इस प्रणाली में बोलने की अपेक्षा लिखने और पढ़ने पर तथा भाषा की अपेक्षा भाषा के तत्त्वों के ज्ञान पर अधिक बल दिया जाता है। भाषा-कौशलों की दक्षता का उद्देश्य हो तथा द्वितीय भाषा के ढाँचों (ध्वनियों, शब्दों, पदों एवं वाक्यों के ढाँचे) का ज्ञान कराना। बालक को इन ढाँचों का प्रयोग आना चाहिए न कि नियम। 

दोष

उच्च कक्षाओं के लिए ही उपयोगी है।
व्याकरण ही अध्ययन का मुख्य विषय है।
इसमें उच्चारणाभ्यास मौखिक कार्य, रसानुभूति आदि उपेक्षित रह जाते हैं। इस विधि में अन्य भाषा के व्याकरण की मातृभाषा के व्याकरण के साथ तुलना की जाती है। इसके अन्तर्गत सर्व प्रथम व्याकरण फिर शब्द, वाक्य संरचना, संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, कारक आदि का ज्ञान दिया जाता है। 

गुण- 

द्वितीय भाषा के शब्दों एवं वाक्यं रचनाओं का ज्ञान तथा मातृभाषा  के अवतरणों का द्वितीय भाषा में अनुवाद कराया जाता है।

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